THE BASIC PRINCIPLES OF SHIV CHALISA IN HINDI

The Basic Principles Of shiv chalisa in hindi

The Basic Principles Of shiv chalisa in hindi

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मातु पिता भ्राता सब कोई। संकट में पूछत नहिं कोई॥

भाल चन्द्रमा सोहत नीके। कानन कुण्डल नागफनी के॥

ता पर होत है शम्भु सहाई ॥ ॠनियां जो कोई हो अधिकारी ।

हंसानन गरुड़ासन वृषवाहन साजे ॥ ॐ जय शिव…॥

किया तपहिं भागीरथ भारी। पुरब प्रतिज्ञा तसु पुरारी॥

अर्थ: हे प्रभू आपने तुरंत तरकासुर को मारने के लिए षडानन (भगवान शिव व पार्वती के पुत्र कार्तिकेय) को भेजा। आपने ही जलंधर (श्रीमद‍्देवी भागवत् पुराण के अनुसार भगवान शिव के तेज से ही जलंधर पैदा हुआ था) नामक असुर का संहार किया। आपके कल्याणकारी यश को पूरा संसार जानता है।

कर त्रिशूल सोहत छवि भारी। करत सदा शत्रुन क्षयकारी॥

दानिन महँ तुम सम कोउ नाहीं। सेवक स्तुति करत सदाहीं॥

ब्रह्मा विष्णु सदा शिव अर्द्धांगी धारा ॥ ॐ जय शिव…॥

त्रिपुरासुर सन युद्ध मचाई। सबहिं कृपा कर लीन बचाई॥

हनुमान चालीसा लिरिक्स

जो कोई जांचे सो फल पाहीं ॥ अस्तुति केहि विधि Shiv chaisa करैं तुम्हारी ।

अर्थ: हे अनंत एवं नष्ट न होने वाले shiv chalisa in hindi अविनाशी भगवान भोलेनाथ, सब पर कृपा करने वाले, सबके घट में वास करने वाले शिव शंभू, आपकी जय हो। हे प्रभु काम, क्रोध, मोह, लोभ, अंहकार जैसे तमाम दुष्ट मुझे सताते रहते हैं। इन्होंनें मुझे भ्रम में डाल दिया है, जिससे मुझे शांति नहीं मिल पाती। हे स्वामी, इस विनाशकारी स्थिति से मुझे उभार shiv chalisa lyricsl लो यही उचित अवसर। अर्थात जब मैं इस समय आपकी शरण में हूं, मुझे अपनी भक्ति में लीन कर मुझे मोहमाया से मुक्ति दिलाओ, सांसारिक कष्टों से उभारों। अपने त्रिशुल से इन तमाम दुष्टों का नाश कर दो। हे भोलेनाथ, आकर मुझे इन कष्टों से मुक्ति दिलाओ।

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